समर्थ इतिहास-४
The Grand History (Hindi)

समर्थ इतिहास-४

सम्राट समुद्रगुप्त का जन्म जिस गुप्त वंश में हुआ, वह ‘गुप्त’ घराना वैदिक धर्म का अनुयायी एवं विष्णुभक्त था| समुद्रगुप्त स्वयं भी महाविष्णु के परमभक्त थे| नियमित रूप से गायत्रीमन्त्र पठण, विष्णुसहस्रनाम और पुरुषसूक्त का पाठ करने का उनका आजीवन व्रत था|

स्वयंभगवान त्रिविक्रम
Aniruddha Bhaktibhav Chaitanya

स्वयंभगवान त्रिविक्रम

स्वयंभवान त्रिविक्रमाची ओळख अत्यंत मोजक्या शब्दात येथे आपल्याला होते. श्री त्रिविक्रम मठात लावण्यात येणार्‍या तसबरी येथे देण्यात आल्या आहेत.