श्रद्धावान के जीवन के तीन महत्त्वपूर्ण वाक्य - सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापू (हिन्दी डब)
तीन वाक्य जीवन में, हमारे, अपने अपने शब्दों में, आपका शब्द ग़लत होगा थोड़ासा, भाव ग़लत होना नहीं चाहिए। पहला वाक्य क्या है? माँ का वाक्य....कि जहाँ से जग की शुरुआत हुई, ‘मेरे बच्चों मैं तुमसे निरंतर प्रेम करती रहती हूँ।’ Ok? दूसरा ‘एक विश्वास होगा पूरा, कर्ता हर्ता गुरु ऐसा।’ और तीसरा वाक्य क्या है? ‘I Love you my Dad always and,...and you are always present, with your Mother, with me. ‘With me', ये भूलना नहीं चाहिए। ‘With me’ जहाँ जाता हूँ वहाँ, तू ही मेरा साथी, चलाते हो मुझे, मेरा हाथ पकड़कर। आया ध्यान में? ये कभी भी भूलना नहीं, उससे कहने को। इस वाक्य का अर्थ पहले बताया गया, क्या? कि मायबाप गुरु, सबकुछ आपकी इच्छा अनुसार हो। यही उसका अर्थ है, और इतना ही नहीं तो और क्या? होगा ही, वैसे ही होगा, यह गॅरंटी है।
॥ हरि: ॐ॥ ॥श्रीराम॥ ॥अंबज्ञ॥
नाथसंविध्॥